हमसे खत्म होती अपनों की जान पहचान सही,
अब न कोई मेजबान रहा न कोई मेहमान सही,
किसी का तो होता है अब भी इस्तकबाल उस दर,
हुआ शहर भर आशना अब हम ही अनजान सही.
Humse Khatm Hoti Apnon Ki Jaan Pahchan Sahi,
Ab Na Koi Mejban Raha Na Koi Mehman Sahi,
Kisi Ka To Hota Hai Ab Bhi Estakbal Us Dar,
Huaa Shahar Bhar Aashna Ab Hum Hi Anjaan Sahi.
गम हमारे बन सकते नहीं हंसी खुशी की खरीद में,
हम से वाकिफ हर राज जाने वाले की रजा जान ले,
कहती क्या है मय टकराते जामों के निशाद में.
Kho Dena Bhi Ganwara Hai Kuch Na Pane Ki Ummid Men,
Gum Humare Ban Sakte Nahin Hansi Khushi Ki Kharid men,
Hum Se Wakif Har Raj Jane Wale Ki Raja Jan Le,
Kahati Kya Hai Maye Takrate Jamon Ke Nishad Men.
जिंदगी हमारी कर गया तबहा हम शिकवा न कर सके,
कोई हूनर नेक था कयामत लाते उस फसीद में,
लिखने वाले ने लिखना बन्द कर दिया पैयाम आते हैं,
क्या हमदर्दी है हमारे हाल के मुताबिलक बरिद में.
Jindgi Humari Kar Gaya Tabaha Hum Shikwa Na Kar Sake,
Koi Hoonar Nek Tha Qayamat Late Fasid Men,
Likhne Wale Ne Likhna Band Kar Diya Paiyam Aate Hain,
Kya Humdardi Hai Humare Haal Ke Mutabilak Barid Men.
मुस्तकबिल की खबर हमसे बहतर कौन रखेगा,
खूबी ये ही रही वक़्त से मात खाए वक़्त के मुरीद में,
तेरी समझ ही समझा सकती है मेरी बयां दास्तां को,
वो दर्द रहा अनकहा बयां हर अफसाने मदीद में.
Mustakabil Ki Khabar Humse Bahatar Kaun Rakhega,
Khubi Ye Hi Rahi Waqt Se Mat Khaye Waqt Ke Murid Men,
Teri Samjh Hi Samjha Sakti Hai Meri Bayan Dastan Ko,
Wo Dard Raha Ankaha Bayan Har Afasane Madid Men.
उठता हिजाब तेरा छोड़ चला उलझे-उलझे सवाल,
क्यों उड़ती हया बदलती सूरत है अब तेरे दीद में.
Uthata Hijab Tera Chhod Chala Ulajhe-Ulajhe Sawal,
Kyon Udati Haya Badalti Surat Hai Ab Tere Did Men.
Read more
काफ़िर अब तो अजा
किस शख्स को चैन आयेगा
मस्त नजर में उल्फत कहां
अब न कोई मेजबान रहा न कोई मेहमान सही,
किसी का तो होता है अब भी इस्तकबाल उस दर,
हुआ शहर भर आशना अब हम ही अनजान सही.
Humse Khatm Hoti Apnon Ki Jaan Pahchan Sahi,
Ab Na Koi Mejban Raha Na Koi Mehman Sahi,
Kisi Ka To Hota Hai Ab Bhi Estakbal Us Dar,
Huaa Shahar Bhar Aashna Ab Hum Hi Anjaan Sahi.
Hindi Shayari |
Kho Dena Bhi Ganwara Hai
खो देना भी गंवारा है कुछ न पाने की उम्मीद में,गम हमारे बन सकते नहीं हंसी खुशी की खरीद में,
हम से वाकिफ हर राज जाने वाले की रजा जान ले,
कहती क्या है मय टकराते जामों के निशाद में.
Kho Dena Bhi Ganwara Hai Kuch Na Pane Ki Ummid Men,
Gum Humare Ban Sakte Nahin Hansi Khushi Ki Kharid men,
Hum Se Wakif Har Raj Jane Wale Ki Raja Jan Le,
Kahati Kya Hai Maye Takrate Jamon Ke Nishad Men.
जिंदगी हमारी कर गया तबहा हम शिकवा न कर सके,
कोई हूनर नेक था कयामत लाते उस फसीद में,
लिखने वाले ने लिखना बन्द कर दिया पैयाम आते हैं,
क्या हमदर्दी है हमारे हाल के मुताबिलक बरिद में.
Jindgi Humari Kar Gaya Tabaha Hum Shikwa Na Kar Sake,
Koi Hoonar Nek Tha Qayamat Late Fasid Men,
Likhne Wale Ne Likhna Band Kar Diya Paiyam Aate Hain,
Kya Humdardi Hai Humare Haal Ke Mutabilak Barid Men.
मुस्तकबिल की खबर हमसे बहतर कौन रखेगा,
खूबी ये ही रही वक़्त से मात खाए वक़्त के मुरीद में,
तेरी समझ ही समझा सकती है मेरी बयां दास्तां को,
वो दर्द रहा अनकहा बयां हर अफसाने मदीद में.
Mustakabil Ki Khabar Humse Bahatar Kaun Rakhega,
Khubi Ye Hi Rahi Waqt Se Mat Khaye Waqt Ke Murid Men,
Teri Samjh Hi Samjha Sakti Hai Meri Bayan Dastan Ko,
Wo Dard Raha Ankaha Bayan Har Afasane Madid Men.
उठता हिजाब तेरा छोड़ चला उलझे-उलझे सवाल,
क्यों उड़ती हया बदलती सूरत है अब तेरे दीद में.
Uthata Hijab Tera Chhod Chala Ulajhe-Ulajhe Sawal,
Kyon Udati Haya Badalti Surat Hai Ab Tere Did Men.
Read more
काफ़िर अब तो अजा
किस शख्स को चैन आयेगा
मस्त नजर में उल्फत कहां