Heart touching Gam Shayari

उस गली में हज़ार गम टूटा,
आना जाना मगर नहीं छूटा.
Uss Gali Men Hazaar Gam Tuta,
Aana Jana Magar Nahin Chhuta.

हमने सोचा कि चार दिन की बात होगी लेकिन,
तेरे गम से तो उम्र भर का रिश्ता निकला आया.
Humne Socha Ki Char Din Ki Bat Hogi Lekin,
Tere Gam Se To Umar Bhar Ka Rishta Nikala Aaya.

कहां तक आँख रोएगी कहां तक उसका गम होगा,
मेरे जैसे यहां कोई न कोई रोज कम होगा.
Kahan Tak Aankh Royegi Kahan Tak Usaka Gam Hoga,
Mere Jaise Yahan Koi Na Koi Roj Kam Hoga.

गम-ए-हयात ने आवारा कर दिया वरना,
थी आरज़ू कि तेरे दर पे सुबह-ए-शाम करें.
Gam-E-Hayat Ne Aawara Kar Diya Warna,
Thi Aarzoo Ki Tere Dar Pe Subah-E-Sham Karen.

गम ए हयात परेशान न कर सकेगा मुझे,
कि आ गया है मुझे को हुनर मुस्कुराने का.
Gam-E-Hayat Pareshan Na Kar Sakega Mujhe,
Ki Aa Gaya Hai Mujhe Hunar Muskurane Ka.
Gam Shayari 

हमें तो काटनी है शाम-ए-गम में जिंदगी अपनी,
जहां वो हैं वहीं ऐ चांद ले जा चांदनी अपनी.
Humen To Katani Hai Sham-E-Gam Jindgi Apni,
Jahan Wo Hain Wahin E Chand Le Ja Chandani Apni.

एक किरन भी तो नहीं गम की अंधेरी रात में,
कोई जुगनू कोई तारा कोई आंसू कुछ तो होता.
Ek Kiran Bhi To Nahin Gam Ki Andheri Rat Men,
Koi Jugnu Koi Tara Koi Aansu Kuch To Hota.

माना कि गम के बाद मिलती है मुस्कुराहटें,
लेकिन जीयेगा कौन तेरी बेरुखी के बाद.
Mana Ki Gam Ke Bad Milati Hai Muskurahaten,
Lekin Jiyega Kaun Teri Berukhi Ke Bad.

गम की बारिश ने भी तेरे नक्स को धोया नहीं,
तू ने मुझे को खो दिया मैंने तुझे खोया नहीं.
Gam Ki Barish Ne Bhi Tere Naks Ko Dhoya Nahin,
Tu Ne Mujhe Ko Kho Diya Mainne Tujhe Khoya nahin.

इक शामें-गम को सुबह-मसर्रत मिल न सकी,
कितने ही आफताब चाढे और ढल गए.
Ek Shamen-Gam Ko Subah-Masarrat Mil Na Saki,
Kitane Hi Aafatab Chade Aur Dhal Gaye.

क्या जरूरत क्यों जफाएं बागबां तेरी सहें,
जा तुझे गुलशन मुबारक मुझको वीराने बहुत.
Kya Jarurat Kyon Jafayen Bagaban Teri Sahen,
Ja Tujhe Gulshan Mubarak Mujhko Virane Bahut.

रंजो-ओ-गम इश्क़ के गुज़रे भी,
अब तो वो दिल से उतर भी गए.
Ranjo-O-Gam Ishq Gujare Bhi,
Ab To Wo Dil Se Utar Bhi Gaye.

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मरने के बाद भी याद
वक़्त मिले तो कभी रखना
मेजबान रहा न कोई मेहमान