चुरा लूंगा रस तेरा, मैं भंवरा बनकर,
तू चाहे लाख पहरे बैठा दे इस गुलिस्तां में.
Chura Lunga Ras Tera, Main Bhanvara Bankar,
Tu Chahe Lakh Pahare Baitha De Is Gulistan Men.
Romantic Shayari

मेरे महबूब तूने तो कमाल कर डाला,
कर श्रृंगार आशिकों को बेहाल कर डाला.
Mere Mahbub Tune To Kamal Kar Dala,
Kar Shrangar Ashikon Ko Behal Kar Dala.

क्या वजां है जो नींद नहीं आ रही हमको,
शायद किसी हसीना का दिल तड़प रहा होगा.
Kya Vajan Hai Nind Nahin Aa Rahi Humko,
Shayad Kisi Hasina Ka Dil Tadap Raha Hoga.

दिल हो गया किसी का ये कैसा हो गया,
पी जायें सागर ऐसा प्यासा हो गया.
Dil Ho Gaya Kisi Ka Ye Kaisa Ho Gaya,
Pi Jayen Sagar Aisa Pyasa Ho Gaya.

नादान भंवरों पे न सितम ढाया करो तुम,
मासूम परवानों को न जलाया करो तुम.
Nadan Bhanvaron Pe Na Sitam Daya Karo Tum,
Masum Parvanon Ko Na Jalaya Karo Tum.

जाने क्यों वो चांद-सी सूरत हमें याद आती है,
फना कर दिया वो कयामत हमें याद आती है.
Jane Kyon Wo Chand-Si Surat Humen Yaad Aati Hai,
Fana Kar Diya Wo Qyamat Humen Yaad Aati Hai.

नादां हैं जो ना पिता उर के अजाब से,
शवाब ही मिलेगा जो पिये हिसाब से.
Nadan Hain Jo Na Pita Ur Ke Ajab Se,
Shavab Hi Milega Jo Piye Hisab Se.

तेरे हुस्न ने जहां में नुर ही नूर कर दिया,
ऐसा क्या तूने मेरे हुजूर कर दिया.
Tere Husn Ne Jahan Men Nur Hi Nur Kar Diya,
Aisa Kya Tune Mere Hujur Kar Diya.

उनकी सूरत देख मेरा दिल खिल जाता है,
वो दिलखुश रहता है, वहां मिल जाता है.
Unaki Surat Dekh Mera Dil Khil Jata Hai,
Wo Dilkhush Rahata Hai, Wahan Mil Jata Hai.

किस तरह तड़पता हूं, कभी आकर देखो,
गले मुझे गमखार को कभी लगा कर देखो.
Kis Tarah Tadapta Hun, Kbhi Aakar Dekho,
Gale Mujhe Gamkhar Ko Kbhi Laga Kar Dekho.

बेवजा क्यों हमारी बातों का गिला करते हो,
रू-ब-रू आओ धूप-छुप के क्यों मिला करते हो.
Bevaja Kyon Humari Baton Ka Gila Karte Ho,
Ru-B-Ru Aao Chhup-Chuup Ke Kyon Mila Karte Ho.

तमाम कायनात में नहीं है जबाव आपका,
तभी तो मेरे दिल ने किया है इंतखाब आपका.
Tamam Qaynat Men Nahin Hai Jabav Aapka,
Tabhi To Mere Dil Ne Kiya Hai Intkhab Aapka.

मुखड़ा चांद सा बसा रहता है निगाहों में,
एक पल ठहर जाने दे अपनी पनाहों में.
Mukhda Chand Sa Basa Rahta Hai Nigahon Men,
Ek Pal Thahar Jane De Apni Panahon Men.

एक आप ही तन्हा आंखों से पिलाते हो,
इसलिए तेरे शहर में मयखाने नहीं हैं.
Ek Aap Hi Tanha Ankhon Se Pilate Ho,
Isliye Tere Shahar Men Maykhane Nahin Hain.

बसा लीजिए मुझको अपनी निगाहों में,
भटक रहे हैं दर-बदर दिल की राहों में.
Basa Lijiye Mujhko Apni Nigahon Men,
Bhatak Rahe Hain Dar-Badar Dil Ki Rahon Men.

Read more
हमने खोया बहुत चाह में
दीदार शायरी