Khushi Ke Saye Men To Ye Hi Gam
कुछ अपना रहे हो खुशी के साए में तो ये ही गम है,बच जाता दामन कांटो से गर न करते फूलों की चाह।
Kuch Apna Rahe Ho Khushi Ke Saye Men To Ye Hi Gam Hai,
Bach Jata Daman Kanton Se Gar Na Karte Fulon Ki Chah।
Dard Shayari |
हम मोमबत्तिया ठहरी बिजली के घरों की,
हमें दिन के उजलों से नफरत क्या होगी।
Hum Mombttiya Thahri Bijli Ke Gharon Ki,
Humen Din Ke Ujalon Se Nafrat Kya Hogi।
मैं हो चला रुख़्सत इस महफ़िल से जिसके इंतजार में,
अब देखता हू की वो करे इरादा क्या आती है।
Main Ho Chala Rukhsat Es muhfil Se Jiske Intajar Men,
Ab Dekhta Hu Ki Wo Kare Irada Kya Aati Hai।
हम हमदर्द बने है किसी के तो किसी का दर्द चुरा के,
कही हँसी तो कही तो रह ही गया अश्कों का बहाना।
Hum Humdard Bane Hai Kisi Ke To Kisi Ka Dard Chura ke,
Kahi Hansi To Kahi To Rahi Hi Gaya Ashkon Ka Bahna।
क्या कीमत चुकाओगे तुम हमारे किए कर्म की,
जिन्हें सौदा करना आता है उनसे होता कर्म नही।
Kya Kimat Chukaoge Tum Humare Karm Ki,
Jinhen Sauda Karna Aata Hai Unse Hota Karm Nahi।
Khilaune Hote Nahi Ye Bajar Ke