एक बात बोलूं... 


एक बात बोलूं
हम किसी शख्स से तब तक लड़ते
 जब तक हमें उससे 
प्यार की उम्मीद होती है जिस दिन वह
उम्मीद खत्म हो जाती है, 
लड़ना भी खत्म हो जाता है 


Ek Bat Bolun 
Hum Kisi Ke Shakhs Se Tab Tak Ladte Hai 
Jab Tak Humen Usase 
Pyar Ki Ummid Hoti Hai Jis Din wah 
Ummid Khatm Ho Jati Hai, 
Ladna Bhi Khatm Ho Jata Hai


         कोई "हालात" नहीं
      समझता, तो कोई "जज़्बात"
        कोई नहीं समझता
      ये तो सब अपनी-अपनी
            "समझ" है
     कोई "करो कागज" भी पढ़
     लेता है, तो कोई पूरी "किताब"
           नहीं समझता..!!



 Koi "Halat" Ko Nahin Samjhta, To Koi "Jazbaat"
 Koi Nahin Samjhta Ye To Bs Apni-Apni "Samjh"
Koi "kora Kagaj" Bhi Pad Leta Hai, To Koi Puri "Kitab Nahin Samjhta..!!

 अजीब तरह से गुजर रही है 

 "अजीब तरह से
गुजर रही है जिंदगी,
सोचा कुछ, किया कुछ
हुआ कुछ, मिला
कुछ.!! "



"Ajib Tarah Se Gujar Rahi Hai Jindgi
Socha Kuch, Kiya Kuch Huaa Kuch,
Mila Kuch..!! "